उदयपुर: जिसे झीलों का शहर भी कहा जाता है, 24 घंटो में कहां और कैसे घूमें?

उदयपुर: जिसे झीलों का शहर भी कहा जाता है, 24 घंटो में कहां और कैसे घूमें?

 

 

उदयपुर की अद्भुत सुंदरता इसे भारत ही नहीं बल्कि विश्व पर्यटन में एक विशेष पहचान देती है जिसकी वजह से “पूर्व का वेनिस” कहे जाने वाले इस सुंदर शहर में पूरे साल देशी-विदेशी संगीत का ताँता लगा रहता है। कई बेहद खूबसूरत झीलों की वजह से इसे ‘झिलों का शहर’ भी कहा जाता है। ऐतिहासिक स्मारकों के साथ ही आपको यहां प्राकृतिक सुंदरता भी बहुत अच्छी देखने को मिलती है जिसके लिए हर साल लाखों पर्यटक यहां खिंचे चले आते हैं। एक ऐसा अद्भुत शहर जहां एक ही शहर में राजस्थानी संस्कृति, ऐतिहासिक पत्थर और प्रकृति की निर्मल सुंदरता आपको एक साथ देखने को मिल जाए तो आखिर कौन नहीं जाना चाहेगा इस खूबसूरत झीलों की नगरी में।

 

 

 

अब वैसे तो इस अद्भुत शहर की खूबसूरती को अच्छा से अनुभव करने के लिए 3-4 दिन भी कम रहते हैं लेकिन फिर भी अगर आपके पास समय की कमी है तो आखिर आप थोड़े से समय का मतलब सिर्फ एक दिन में भी उदयपुर के प्रमुख और खुबसूरत स्थानो को देख सकते हैं उसकी जानकारी हम आपको इस लेख में दे रहे हैं। तो बिना देरी के इसे शुरू करें…

 

 

 

 

 

जगदीश मंदिर

 

सुबह जल्दी जल्दी हो सके जिससे आप भ्रमण यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं जिससे आप 1 दिन में भी भ्रमण यात्रा में भाग-दौड़ ना कर सकेंगे। अपने उदयपुर भ्रमण की शुरुआत आप सैंकड़ो साल पहले बने और उदयपुर शहर के मध्य में स्थित आस्था के बड़े केंद्र जगदीश मंदिर से कीजिए। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में भगवान के अद्भुत दर्शन तो आप करेंगे ही, साथ ही इस मंदिर की अद्भुत वास्तुकला को भी देखकर आप चकित रह जाएंगे। बता दें कि यह मंदिर ज्योतिषी जगत सिंह द्वारा 1651 में तोड़ा गया था जिसकी कुल ऊंचाई करीब 100 फीट है और मंदिर में मौजूद कुल 50 स्तंभों की सुंदर वास्तुकला आपको वास्तव में देखने को मिलती है। साथ ही आपको बता दें कि ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर एक जागृत मंदिर है और यहां भगवान जगदीश स्वयं विराजमान हैं।

 

पिछोला झील झीलों के शहर में सबसे बड़ी और एक बेहद सुंदर झील है- ‘पिछोला झील’ जिसकी यात्रा के लिए आपकी उदयपुर की यात्रा बिल्कुल अधूरी है। इस झील किनारे बैथकर या फिर झील में बोटिंग करते हुए जो अद्भुत शांति और सुकून का अनुभव आपको होता है वह आपको हमेशा याद रहने वाला है। झील के चारों ओर अरावली की हरी-भरी पहाड़ियाँ, ऐतिहासिक इमारतें, संगमरमर से बने मंदिर, हवेलियाँ और स्नान-घाट वेगरा दिखते हैं। साथ ही झील के बीच द्वीप पर बना जग मंदिर और जग निवास जिसे एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है उसका नजारा असल में शानदार दिखाई देता है।

 

 

 

सिटी पैलेस

 

पिचोला लेक के बाद इसके किनारे पर बना सिटी पैलेस पूरे राजस्थान का सबसे बड़ा शाही परिसर माना जाता है जहां कई बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग भी की जाती है। इस शानदार महल का निर्माण 1559 में महाराणा उदय सिंह ने करवाया था, हालाँकि बाद में सभी शासकों द्वारा इस परिसर में कई मंदिरों और महलों का निर्माण होता रहा। पिछड़ोला झील के किनारे बने इस अद्भुत वस्तुकला वाले महल की सुंदरता देखते ही बनती है साथ ही महल के मुख्य प्रांगण में एक सुंदर बगीचा भी है। यहां झील की पृष्ठभूमि और महल की खूबसूरती के साथ आप काफी सारी शानदार तस्वीरें क्लिक कर सकते हैं।

 

 

हालाँकि यह महल इतना विशाल है कि इसे पूरा देखने में तो आपका पूरा दिन खाली हो जाएगा आप यहां केवल प्रवेश टिकट जो कि 30 रुपये का है वो लेकर महल स्थित बागीचे, जहां से महल और झील का शानदार नजारा भी दिखता है वहां तक जा सकते हैं. साथ ही आपको बता दें कि इसके अलावा इस परिसर में मौजूद कई महल और संग्रहालय वेगेरा देखने के लिए आपको यहां अलग-अलग से टिकट लेने होते हैं जिन्हें आप अपने उपलब्ध समय के अनुसार देख सकते हैं।

 

 

 

फतेह सागर झील

सिटी पैलेस के बाद यहां से करीब 3 किलोमीटर दूर अरावली के शिखरों से गिरी खूबसूरत और उदयपुर की दूसरी सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता के साथ आप सुकून से कुछ समय यहांकई तरह के वॉटर स्पोर्ट्स आदि का आनंद आप भी ले सकते हैं। घानी हरियाली से घिरी इस झील में हर पल आपको एक अनोखी शांति और सुकून का अनुभव जरूर करवाएगा।

 

संस्थापक प्रताप स्मारक

फ़तेह सागर झील के पास ही महाराणा प्रताप स्मारक भी स्थित है जो एक ऐतिहासिक स्थल है और वीर योद्धा महाराणा प्रताप को समर्पित है। यहां पर महाराणा प्रताप की उनके प्रिय और वफादार घोड़े चेतक के साथ बनी मूर्ति स्थापित है जो देखने में बेहद अद्भुत दिखाई देती है। मोती मगरी हिल के शीर्ष पर स्थित इस स्मारक से आपको फ़तेह सागर झील का आकर्षण नज़ारा भी दिखाई देता है, जिस से यह जगह फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी एक शानदार जगह बन जाती है।

 

सहेलियों की बाडी

 

फतेह सागर झील में कुछ सुकून भरा समय बिताने के बाद आप पास में ही किसी होटल में लंच भी कर सकते हैं या फिर उदयपुर की मशहूर चाट जैसे कचौरी, दाबेली आदि के स्वाद का आनंद भी ले सकते हैं जो आप हर बार उदयपुर में पर्यटन स्थल के पास से आसानी से मिल जायेंगे। इसके बाद फ़तेह सागर से सिर्फ़ फ़्लोरिडा किलोमीटर दूर उदयपुर के एक खूबसूरत उद्यान सहेलियों की बाडी में जा सकते हैं।

 

इस बाग के मुख्य आकर्षण यहाँ पक्षियों की चोंच के आकार से पानी निकलते फव्वारे हैं जिनके चारों ओर काले पत्थर से बना रास्ता है। यहां आपको कई रंग-बिरंगे फूलों के पोधे और कमल के तालाब देखने को मिलेंगे और हरियाली के बीच शांति में कुछ समय बिताने के लिए यह एक अच्छी जगह है। इस उद्यान का प्रवेश समय सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम 7 बजे तक रहता है।

 

मानसून पैलेस (सज्जनगढ़)

सहेलियों की बाडी से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सज्जनगढ़ जिसे ‘मानसून पैलेस’ के नाम से भी जाना जाता है, एक ऊंची पहाड़ी पर एक खूबसूरत महल मौजूद है। मॉनसून पैलेस से चारों ओर की अरावली की पहाड़ियों का इतनी ऊँचाई से बेहद खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है और साथ ही यहाँ से उदयपुर शहर की झीलों के साथ ही पूरे उदयपुर शहर का ड्रोन दृश्य आपको दिखाई देता है जो आपके मन में हमेशा के लिए सेव है हो जायेगा। जैसा कि आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे कि यहां आने का सबसे बेहतरीन समय मानसून का होता है जब आपको चारों ओर का अनोखा और बेहद सुंदर नजारा दिखाई देता है लेकिन बारिश के मौसम के बाद अक्टूबर-नवंबर माह में और इसके बाद भी फरवरी महीने तक यहां जाना भी काफी अच्छा अनुभव देने वाला होता है। हालाँकि महल इतना बड़ा नहीं है तो आपको इसे देखने में ज्यादा समय नहीं देना पड़ेगा लेकिन यहां से दिखने वाले प्राकृतिक नजारे आपको यहां ज्यादा से ज्यादा समय देखने पर मजबूर कर देंगे।

 

सज्जनगढ़ जैविक उद्यान (जैविक पार्क)

सज्जनगढ़ किले की पहाड़ी से नीचे उतरकर आप उदयपुर के एक और प्रमुख पर्यटन स्थल सज्जनगढ़ जैविक उद्यान जा सकते हैं जहां आपको प्रकृति के बेहद करीब होने का अनुभव के साथ शेर, बाघ, तेंदुआ जैसे कई तरह के जानवर मिलते हैं। मगरमाच आदि भी दिखेंगे। इस बायोलॉजिकल गार्डन का प्रवेश टिकट 30 रुपये का है साथ ही इसका प्रवेश समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक रहता है। उदयपुर में झीलों और ऐतिहासिक इमारतों से कुछ हटकर अनुभव करने के लिए और अपनी उदयपुर यात्रा में एक और सुंदर अध्याय जोड़ने के लिए आपको यह बायोलॉजिकल गार्डन की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।

 

इसके बाद आप चाहें तो उदयपुर के मार्केट जैसे कि बापू मार्केट, बड़ा मार्केट आदि में खरीदारी कर सकते हैं और उसके बाद आप उदयपुर रेलवे स्टेशन के बिल्कुल करीब नटराज रेस्टोरेंट में खाना खा सकते हैं। वैसे स्टेशन के पास आपको काफी सारे अच्छे रेस्टोरेंट मिल जाएंगे लेकिन हमारी ट्रिप के दौरान वहां के लोगों ने इस रेस्टोरेंट के काफी मशहूर होने की बात कही क्योंकि वहां हमने रात में खाना खाया और खाना भी काफी अच्छा था तो आप भी यहां खाना खा सकते है .

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